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एक दास्तान पूरी हो गई थी

 एक दास्तान पूरी हो गई थी 

अभिषेक की मोहब्बत अब अधूरी 

हो गई थी

जिसको खुद से भी ज्यादा प्यार 

किया था मैना

अभिषेक की रानी अब किसी 

और की हो गई थी


तुने मेरे मर का जरा सा भी इंतजार न किया 

तुने मुझे क्यों इतनी जल्दी छोड़ा दिया

में तुझसे तेरे प्यार की भीख मांगता हूं

मुझसे यूं तो जुदा ना हो तेरी आगे 

यह फरियाद करता हूं


तू भी रोई थी और मैं भी रोया था

और तू अपनी खुशी में रोई थी

और मैं तेरे जाने के गम में रोया था

कभी उसको मुझे प्यार हुआ तक नहीं 

अब उसको मुझे कोई अच्छा मिल गया 

एक दिन उसने मुझे यह कहा था

देखो अब अभिषेक मुझे तुम्हारे 

साथ कभी नही रहना है 


अब मैं खुद को बर्बाद कर चुका हूं

आज में अपनी एक दास्तान 

सुनाता हूं

अपनी बर्बादी की कहानी सबको बता हूं

जो किसी ने नहीं किया वो में 

आज करने वाला हूं

अपने हाथों से अपने महबूब की शादी अपने रकीब से करने वाला हूं


वो उसे शादी करके बड़ी खुश नजर आ रही थी 

उसकी आंखों में न शर्म न कोई हया नजर अ रही थी

मैं अपनी मौत की बर्बादी खुद अपने हाथों से लिख रहा हूं


में डर रहा हूं घबरा रहा हूं बस और यह सोच कर मर रहा हूं

मेरे रकीब की आंखों में एक अलग हवस नजर अ रही थी

वो उसको अपने बिस्तर पर कैसे लाएगा

हर रात की कहानी अपने 

दोस्तों को सुनाएग


उसके जिस्म की आबरू अब यह चिक चिक के बोल रही थी

मैं तुम्हारी यह जिस्म भी तुम्हारा है

फिर उसको अपनी गलती का एहसास हुआ

उसको मुझसे कभी प्यार तक नहीं हुआ


अपने झूठे प्यार के आगे मेरा महबूब मरने की तैयार कर रहा था

अब वो मुझको हर रात याद करके रो रही थी 

मेरी सलाम की दुआ उस खुदा से भी कर रही थी


देखो अब मैं आगे बढ़ चुका हूं अब मैं एक जिंदा लाश बन चुका हूं

वो मुझे अपने गले लगाकर रोने लगी 

अपनी गलती की माफी मुझे से भी मांगने लगी मेने कहा तुम मेरे 

पास वापिस आ जाओ 

मैना तुमको माफ किया यह 

काफी नहीं


वो मुझे फिर बार बार झूठ बोल रही थी

में तुम्हारी हूं मुझे यह बार बार बोल रही थी

फिर मैना अपने आपको कही खो दिया 

जरा सुनो अब तू मेरी बद्दुआ भी सुनती जा


जो तूने मेरे साथ किया वो तेरे 

साथ भी होगा

तुझे अपने आप से भी नफरत हो जायेगी 

तू खुद को आईने में देखा कर डर 

जायेगी

तेरी आंखों से आंसू अब कभी 

नहीं रूकिंगा

तू बेवफा है खुद को कहती कहती 

मर जायेगी

तुझको कभी जिंदगी में किसी का 

प्यार नसीब न हो

तू यह सोच सोच कर मर जायेगी

तू वापिस मेरे के पास आएगी

तू कभी अभिषेक के प्यार नसीब न हो

तुझे सारा जग तुझे बेवफा बेवफा बोलगा

तू मारके भी एक जिंदा लाश बन 

जाएगी

कभी तुझे किसी का प्यार नसीब 

न हो

और तू जीके भी कभी मर नह 

पाएगी

जा बद्दुआ है मेरी तू कभी किसी 

न हो पाएगी

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