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बदनाम किया

 बड़ी मुश्किल में हूँ,

दिल की बात कैसे कहूँ.---1

सुनता कोई नहीं मेरा हाल,

मइयत मेरी बना जाएगी एक सवाल


दिल जिसके नाम किया है 

उसने ही बदनाम किया है 

करते हैं जो सब छूप-छुपकर

 हमने खुल्ले आम किया है 

खुशियों का रास्ता तकने में 

सुबह को फिर शाम किया है



झूठे नेक इरादे तेरे,

झूठी वफ़ा की कसमें ,

जब तुम हम पै मरते है ,

न थी जमाने की रस्में,


तुम्हे देखा नहीं है कबसे,

यू दूर हुए है जबसे,

याद करता हु तबसे

दुआ करता हु रबसे 




तलाश ए सुकून की मंजिल है तू मेरी,

मैं तुझको ना देखूँ तो बहोत बेचैन रहता हूँ...



झूठे नेक इरादे तेरे,

झूठी वफ़ा की रस्में हैं,

जब हम तुम पे मर बैठेंगे,

तुम हमसे खफ़ा हो जाओगे,


तुम्हे देखा नहीं है कबसे,

तुमसे दूर हुए है जबसे,

रोज़ दुआ करता हूँ रब से,

तुम्हे मिस करता हु तबसे

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