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मार हथौड़ा, कर-कर चोट



मार हथौड़ा, 

कर-कर चोट!


लाल हुए काले लोहे को

जैसा चाहे वैसा मोड़!


मार हथौड़ा,


कर-कर चोट!

थोड़े नहीं- अनेकों गढ़ ले

फ़ौलादी नरसिंह करोड़।

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