बेवफा समझा है
शब्दों से खेलते देखा है,
तुम दिल से खेलोगे,
ये सोचा न था।
वादे हुए थे वफा के दरमियां,
तुम बेवफा निकलोगे,
ये सोचा न था।
दिल इतनी जल्दी भर जाता है,
ये सोचा न था।
कलयुग ऐसे रंग दिखाएगा,
ये सोचा न था।
अब सोच सोच कर
सोच को समझा है,
जो समझा है,
बहुत खूब समझा है।
तुमको दिल ने बेवफा समझा है।
Wonderful poetry 😊😊😊
ReplyDeleteosm
ReplyDeleteHealthy
ReplyDeletewafa na raha sanam
ReplyDeletebefawa masum chehra
ReplyDeletewafa ke sang
ReplyDeletebewfa narazzzzz
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