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ठाना है


अब तो  बस ये  ठाना है 

एक दिन तुझको पाना है

 

वक़्त   लगेगा   भरने  में

दिल का ज़ख़्म  पुराना है

 

छोड़ो  मेरे  दिल  का क्या

पागल   है,    दीवाना   है

 

रिश्ते क्या हैं ?  अपनों  से

हरदम   धोखे    खाना   है

 

जीवन   है   बहता   दरिया

जिसको   बहते   जाना   है

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