क्षणकायें
क्षणकायें
1
कबाड़ी सरकार
दिन दो चार
हो गई पंक्चर
अब बेकार
२
वा रे गप्पू
पूरा डब्बू
जहाँ गया
तोड़ा चप्पू
३
बहुत निशाने
कई बहाने
जेल पहुँचा
अक्कल ठिकाने
4
बना दीवाना
गाया गाना
ऐसा लपेटा
पहुँचा थाना
5
बनता शेर
बड़ा दिलेर
हुवा हमला
होता ढेर
6
ता ता थैय्या
बड़े भैय्या
अब की बार
भंवर में नैय्या
7
शक्ल दिखाए
अपना गुण गाए
मौत बढ़ी
मुँह छुपाए
8
फूल के कुप्पा
हो गया डिब्बा
हवा अब निकली
पिचका डिब्बा
kadak
ReplyDeletewahhjhhh
ReplyDeleteniceee
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